Monday 7 October 2013

सबसे अच्छा धंधा

चौधरी वीरेंद्र सिंह 
चौधरी वीरेंद्र सिंह हरियाणा कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं. लेकिन बढ़ते कद के साथ बड़ा पद न मिल पाने का मलाल इतना ज्यादा है कि वो गाहे-बगाहे फूटता रहता है. फिर पूरी सियासत कीचड़ नजर आती है और खुद को उसमें खिला कमल मान लेते हैं.
बोल एक बार फिर बहके और बोलते-बोलते बहुत कुछ बोल गए चौधरी वीरेंद्र सिंह. एक बार फिर उन्होंने सियासत में भ्रष्टाचार का मुद्दा अपने तरीके से उछाला और साफ कह दिया कि अगर दांव लग जाएं तो राजनीति में अरबों कमाते देर नहीं लगती.


उन्होंने कहा, 'आजकल तो किसी को और कहीं कुछ नजर न आए तो सबसे अच्छा धंधा राजनीति है. बिजनेस में फेल हो जाओ, सरकारी नौकरी में फेल हो जाओ, अच्छे डॉक्टर न बन सको अच्छे इंजीनियर ना बन सको, अच्छे वकील ना बन सको तो राजनीति में प्रवेश कर जाओ. कइयों का तो ऐसा दांव लगता है कि करोड़ो में नहीं अरबों में, पता नहीं कितने-कितने अरबों में खेल खेलते हैं राजनीति का खेल. दबाने की कोशिश करते हैं सही आदमियों को जो राजनीति में...'
अंबाला के एक कार्यक्रम में चौधरी साहेब भावनाओं में बह रहे थे तो दूसरी और अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी भी आंकड़ो के साथ हमले के मूड में थीं. किरण बेदी ने कहा, 'पिछले पांच सालों में कुछ सांसदों की संपत्ति 289 फीसदी तक बढ़ी है. कुछ की तो 42 गुणा बढ़ गई. इसे कहते हैं आम आदमी का खून बहाना.'
ऐसा नहीं कि वीरेंद्र सिंह की पीड़ा पहली बार छलकी है. कुछ महीने पहले ही वो राज्य सभा सीट की खरीद फरोख्त पर टिप्पणी कर सियासत में बवाल मचा चुके हैं.
100 करोड़ में राज्य सभा की सीट मिलने का दावा तब किया था जब केंद्रीय मंत्री की कुर्सी मिलते-मिलते छूटी थी. बाद में सफाई तो खूब दी लेकिन तब तक कांग्रेस की छवि पर खरोंच तो लग ही चुकी थी. अब एक बार फिर चौधरी साहब ने अपने बयान से विरोधियों को कांग्रेस पर हमले का भरपूर मौका दे दिया है.

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